Saturday, 19 November 2016

अकेलापन

है यह अनोखापन
मेरी जिंदगी के
अनिमन्त्रित मेहमान

बिन बुलाए आया
कभी साथ नहीं छोडा
सिखाया मुझे अंदर
कि आग को खोजने

दिया मुझे हिम्मत
आगे बढने की
वक्त के साथ साथ
बन गया मैं उसका दास


लोग कहते है
तनहाई अंधेरा है
पर यह तो मुझे
खुबसूरत रंग लगी

धीरे धीरे से
करने लगे मैं इस पन से प्यार
जुड गए हमारी रिश्ता
हमेशेकेलिए


है यह अनोखापन
मेरी जिंदगी के
अनिमन्त्रित दोस्त ।।

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